अनेक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य जिन्हें आपका शिशु हासिल करेगा, उनमें से एक है जो आपके शिशु को पहली बार गति प्रदान करता है – घुटने के बल चलना। शिशु अपने पास-पड़ोस के बारे में जानकारी प्राप्त करने के उत्सुक रहते हैं और घुटने के बल चलना उनकी इस उत्सुकता को पूरा करता है।
अधिकतर शिशु जब 6-9 माह की आयु के होते हैं तो घुटने के बल चलना शुरू कर देते हैं। इस समय तक उनकी मांसपेशियां उनके शरीर को सहारा देने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत हो जाती हैं और शिशु अपने आप बैठने में सक्षम हो जाते हैं। बैठना शुरू करने से, स्थिर बैठने में सक्षम हो जाते हैं और अपने हाथों और घुटनों की मदद से चलने लगते हैं। घुटने के बल चलने की ताकत का पता शिशु के नवजात दिनों से लगाया जा सकता है जब आप उसे पेट के बल लिटा देते थे। इससे उनकी गर्दन, बाजू और कंधे धीरे-धीरे मजबूत होने लगते हैं, क्योंकि वे किसी चीज को अच्छी तरह से देखने के लिए अपने आपको धकेलते हैं।
बैठने से घुटनों के बल चलने का पारगमन कई महीनों के दौरान धीरे-धीरे हो सकता है। बीच-बीच में कुछ कदमों में चारों (हाथों-पैरों) पर संतुलन बनाना, हाथों और पैरों पर आगे-पीछे झूलना और अंतत: यह सीखना शामिल होगा कि घुटने से धक्का देने से उन्हें वह गति प्रदान होगी जो उन्हें घुटनों के बल चलने के लिए चाहिए।
ध्यान में रखने योग्य कुछ बातें:
दिशा की पसंद
सभी शिशु एक ही तरीके से घुटने के बल नहीं चलते हैं। आदर्श तरीका आगे की ओर घुटने के बल चलना है, लेकिन कुछ शिशुओं का अपना स्वयं का तरीका होता है। पीछे की ओर घुटने के बल चलना संभवत: असामान्य मांसपेशी दशा की वजह से हो सकता है (हाथों में पैरों की अपेक्षा थोड़ा बल अधिक हो सकता है), लेकिन जब आपके शिशु के बेहतर गत्यात्मक कौशल विकसित हो जाएंगे तो यह जल्द ही ठीक हो जाएगा। वे आपके द्वारा कोई हस्तक्षेप किए जाने के बिना पीछे की बजाए आगे की ओर चलने लगेंगे।
प्रोत्साहन
अपने शिशु को घुटने के बल चलने के लिए प्रोत्साहन देने का कोई नुकसान नहीं है। उनके लिए चीजों को आसान बनाना (उन्हें उनकी पसंद के खिलौने पकड़ाना, आदि) उन्हें बैठे रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके बजाए, उन्हें सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीके खोजें। जब उसकी शिशु बैठा हो तो उसकी पहुंच से थोड़ी दूरी पर उनकी आयु के अनुकूल खिलौने रखने का प्रयास करें। यह उनको आगे बढ़ने और वस्तु तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।
आराम से करें
अपने शिशु को खिसकने अथवा घुटनों के बल चलने को लेकर चिंता न करें। प्रत्येक शिशु अलग-अलग होता हैऔर जब तक आपके डॉक्टर द्वारा किसी विशिष्ट विकासात्मक समस्या का पता न लगाए जाने तक शिशु के देरी से घुटने के बल चलना शुरू करने में चिंता करने की कोई बात नहीं है।
घुटने के बल चलने को शिशु के विकास में प्रमुख लक्ष्य के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है। कुछ शिशु घुटनों के बल नहीं चलते हैं और वे सीधा दो पैरों पर खड़े होकर चलना शुरू कर देते हैं। हमारे आंतरिक विशेषज्ञ इस बात को लेकर सहमत है कि जब तक शिशु अन्य तरीकों से संचरण करता है, घुटनों के बल चलना विकास के लिए कोई आवश्यक कदम नहीं है।
बावजूद इसके, नीचे कुछ चीजें दी गई हैं जिनके बारे में सतर्क रहना चाहिए:
- यदि 10 माह की आयु तक यदि आपका बच्चा घुमता-फिरता नहीं है तो कृपया किसी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। पास-पड़ोस की खोजबीन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है, चाहे यह फर्नीचर को पकड़ कर घूमना हो, लुढ़कना हो, खिसकना हो अथवा कोई अन्य तरीका हो।
- स्पष्ट रूप से शरीर के एक हिस्से का अधिक इस्तेमाल करें
- वे अपने शरीर को इस प्रकार समन्वित न कर पाते हों जिससे कि शरीर के दोनों हिस्से एक साथ कार्य कर सकें।
तैयार रहें!एक बार शिशु चलने लग जाए तो उसे रोकना संभव नहीं है। यहां आपके घुटने के बल चलने वाले शिशु को सुरक्षित रखने के कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- फर्श पर बैठ जाएं और अपने बच्चे के नजरिए से चीजों को देखें।
- फर्श से सभी छोटी वस्तुओं को हटा दें (फर्निचर के नीचे गिरे सिक्के, आदि)
- ऐसी सभी चीजों को हटा लें जिन्हें आपका शिशु खींच सकता है, जैसे फोन के तार, बिजली के तार अथवा लंबे चिलमन।
- पूरे घर को सुरक्षित बनाएं (अलमारियाँ, दीवार में आउटलेट, शौचालय)।
- यदि आपके घर में सीढि़यां है, तो उनके निचले और ऊपरी सिरे पर दरवाजे लगाएं।
चूंकि अब आपका शिशु गतिशील हो गया है, वह ऐसी जगह जा सकता है (और संभवत: कभी न कभी जाएगा) जहां आप उसे नहीं जाने देना चाहते हैं। सुरक्षित रहें और सभी चीजों को अपने शिशु के लिए सुरक्षित बनाएं। और नि:संदेह, कभी भी अपने शिशु को अकेला न छोड़ें। घुटने के बल चलना मुबारक हो!